Data Structure क्या हैं? किसी संगठन या संस्था के द्वारा किए गए विकास के आंकड़ो या अन्य प्रकार की किसी सूचना को व्यवस्थित करने को ही “Data Structure” कहते हैं। यह किसी सूचना को उचित रूप से दिखाने की एक प्रक्रिया हैं जो व्यक्ति को उसका आकलन करने में उसकी सहायता करती हैं।
आप अगर किसी सूचना को उसके निर्माण के उद्देश्यों के अनुसार बनाते हैं तो यह एक प्रकार का Data Structure हैं।
What is Data Structure in Hindi? (डाटा स्ट्रक्चर क्या हैं)
सामान्य शब्दों में कहें तो मेमोरी में डाटा को व्यवस्थित रूप प्रदान करना ही Data Structure (DS) हैं। इसके अंतर्गत किसी कच्चे आकड़ो को किसी सूचना में परिवर्तित किया जाता है। यह डेटा को क्रमबद्ध (sequence) रूप से व्यवस्थित करने का कार्य करता हैं।
Data Structure एक Algorithm का संगठित रूप हैं जो किसी डेटा को सुव्यवस्थित करने का कार्य करता हैं। इसकी सहायता से हम किसी सूचना को उसके अर्थ में परिभाषित कर सकते हैं या उस सूचना को कुछ मानकों के अनुसार विभाजित कर सकते हैं।
इसके माध्यम से कंप्यूटर में डेटा को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता हैं, जिसकी सहायता से कंप्यूटर उस डेटा तक आसानी से पहुँच सकें और उसे एक्सेस कर यूजर को सूचना प्रसारित कर सकें। इसकी सहायता से डेटा को क्रमिक आधार पर विभाजित कर उसे सूचना के रूप में परिवर्तित करने का कार्य किया जाता हैं।
Example of Data Structure (डाटा स्ट्रक्चर के उदाहरण)
Data Structure के उदाहरण को हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं, जो इस प्रकार हैं –
Array: इस प्रकार के डाटा को सिस्टम की मेमोरी में स्थापित किया जाता हैं। इस प्रकार के डेटा को स्ट्रक्चर में लाने के लिए हम प्रोग्रामिंग नीतियों का पालन करते है। उदाहरण अगर हमें 100 व्यक्तियों के नामों को व्यवस्थित रूप से लाना हैं तो हमकों Array नीति का पालन करना होगा।
Stack: इस प्रकार के Data Structure में LIFO सिद्धान्त एवं नियमों को लागू किया जाता हैं। इस नियम के अंतर्गत अंतिम डेटा संख्या को उसके स्थान से हटा दिया जाता हैं। हम इस नियम के अनुसार उन सूचनाओं में से एक-एक सूचना को उठाकर उसको व्यवस्थित रूप से लगाने का कार्य करते हैं। जिससे उसको क्रमबद्ध लाया जा सकें।
Queue: डाटा को स्ट्रक्चर करने की इस प्रक्रिया में FIFO (First in First Out) सिद्धान्त का अनुसरण किया जाता हैं। इसके अंतर्गत पहले स्थान वाली संख्या को पहले क्रमबद्ध रूप से हटाया जाता हैं। उदाहरण के लिए मूवी थियेटर में लगी लाइन में पहले व्यक्ति को टिकट मिलते ही उसे लाइन से हटा दिया जाता हैं। इसमें हम FIFO की नीतियों का पालन कर सूचना को व्यवस्थित रखने का प्रयास करते हैं।
Linked List: इसमें जिन सूचनाओं को क्रमबद्ध लगाया जाता हैं वह सभी एक दूसरे से संबंधित होते हैं। अर्थात पहले वाली सूचना दूसरी सूचना का पता लगाने में सक्षम होती हैं। इसी तरह प्रत्येक सूचना का पता पहली सूचना को होता हैं।
Types of Data Structure in Hindi (डाटा स्ट्रक्चर के प्रकार)
Data Structure को हम इनकी कार्य शैलियों के हिसाब से दो भागों में विभाजित करते हैं जो इस प्रकार हैं: –
- Primitive
- Non-primitive
1. Primitive Data Structure
यह एक प्रकार के Built-in Data structure होते हैं। यह मशीन कॉड्स की सहायता से व्यवस्थित किए जाते हैं। इस प्रकार की सूचना पहले से ही हमारे सिस्टम में रहती हैं। इन सभी को हम अपने सिस्टम में सीधे रूप से उपयोग करते हैं। जिस कारण इन्हें Primitive Data Structure कहा जाता हैं। इनको मुख्य 3 भागों में विभाजित किया जाता हैं।
- Integer – यह वह होते हैं जिनमें अंको और गणितीय चिन्हों को सम्मिलित किया जाता हैं। जैसे 1, 2, 3, 4, आदि।
- Float – यह वह अंक या डाटा हैं जिनको दशमलव में जोड़ा जाता हैं या जिनके आगे के अंक दशमलव मे होते हैं। जैसे- 2.2, 2.3, 2.5, 4.2, आदि।
- Character – कैरेक्टर में उनको सम्मिलित किया जाता हैं जो डाटा अक्षरों में होता है। जैसे- A, B, C, D, आदि।
2. Non-primitive Data Structure
यह यूजर डिफाइंड स्ट्रक्चर होते हैं। इस प्रकार के Data Structure का निर्माण Primitive से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर किया जाता हैं। इसको भी दो भागों में विभाजित किया जाता हैं।
- Linear Data Structure – यह वह प्रकार हैं जिसमें डाटा को क्रमबद्ध (sequence) रूप से व्यवस्थित किया जाता हैं। इसके अंतर्गत डाटा को उनके वर्गों के आधार पर विभाजित कर दिया जाता हैं। जिस कारण इन्हें परिभाषित करना सरल हो जाता हैं। इसके अंतर्गत हम डेटा को क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित करते हैं, एक के बाद एक करके। इस प्रकार के मुख्य उदाहरण Array, Stack Queue, Link list, हैं।
- Non-linear Data Structure – यह डेटा को स्टोर करने का वह माध्यम होता हैं। जिसमें हम किसी डेटा को एक लाइन में या क्रमबद्ध रुप से स्टोर न करके उस डेटा को कही भी और कैसे भी स्टोर कर देते हैं। इस प्रकार के उदाहरण Trees और Graphs है।
Common Operations
Data Structure का मुख्य कार्य सूचनाओं को एकत्रित कर उसे व्यवस्थित रूप से लगाना होता हैं। निम्न बिंदुओं की सहायता से भी हम इसकी कार्य प्रणाली के संबंध में विस्तार से जान सकते हैं।
Searching – इस प्रक्रिया में यह किसी element का चयन करता हैं और उस एलेमेंन्ट का चयन कर उसमें संशोधन करने या उसको उसके स्थान से हटाने का कार्य करता हैं।
Sorting – किसी सूचना या डाटा को व्यवस्थित रूप से क्रमबद्ध तरीके से लगाना डेटा की Sorting कहलाती हैं। डेटा शॉर्टिंग का यह कार्य हम Selection sort, Radix sort, Insertion sort आदि की सहायता से करते हैं।
Insertion – किसी डेटा में अन्य डेटा को जोड़ना या किसी एक element में दूसरे element को जोड़ना Insertion कहलाता हैं। इसकी सहायता से हम सूचनाओं को व्यवस्थित करने का भी कार्य करते हैं।
Deletion – जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा हैं यह किसी सूचना या element को डिलीट करने की एक प्रक्रिया हैं। हम इसके माध्यम से किसी डाटा की location का चयन कर उसे उस element से हटा या डिलीट कर सकते हैं।
Traversing – इसका उपयोग element के डेटा को विशेष रूप से बदलाव करने के लिए किया जाता हैं। जिसे सामान्य भाषा में Traverse करना कहते हैं।
Merging – यह किसी दो सूचना या किसी दो element को आपस से संगठित करने या जोड़ने की प्रक्रिया हैं। जिसे हम Data Structure में Merging कहते है।
Advantage and Disadvantage (फायदे और नुकसान)
फायदे (Advantage) –
यह डेटा या सूचना को व्यवस्थित करने का एक उत्तम साधन हैं। इसकी सहायता से डेटा को sequence में व्यवस्थित किया जा सकता हैं।
यह यूजर को सूचना प्राप्त करने के लिए सरलता से access प्रदान करती हैं।
यह उत्तम तरीके से एल्गोरिथम की संरचना को तैयार करने हेतु अत्यंत लाभदायक हैं।
इसकी सहायता से हम किसी भी element में अपनी आवश्यकता अनुसार परिवर्तन कर सकते हैं।
इसकी सहायता से हम किसी सॉफ्टवेयर में डेटा को भेज सकते हैं।
नुकसान (Disadvantage) –
इसका उपयोग वहीं व्यक्ति कर सकते हैं जो इन प्रक्रियाओं को अच्छी तरह से जानते हो और जिन्हें Data Structure संबंधित अनुभव और ज्ञान हो।
अगर इसके किसी elements में या डेटा में किसी भी प्रकार की कोई समस्या आती हैं तब इसके लिए अनुभव वाले व्यक्ति की आवश्यकता जरूरी हो जाती हैं।
यह सभी प्रकार के डेटा को access करने की अनुमति देता हैं, किंतु इसकी access प्रदान करने की गति धीमी होती हैं।
Characteristics of Data Structure (डाटा स्ट्रक्चर की विशेषताएं)
यह operations का संगठित रूप हैं। जो सूचनाओं को एकत्रित करने का कार्य करते हैं। जैसे sorting, insertion, आदि। यह सूचनाओं में एक-दूसरे से संबंध स्थापित करने का कार्य करता हैं।
यह सूचनाओं को क्रमबध्द (sequence) में व्यवस्थित करने का एक साधन हैं। यह सूचनाओं को elements के माध्यम से सुव्यवस्थित करता हैं। यह सूचनाओं को मेमोरी में स्थापित करने का कार्य करता हैं। यह यूजर को सूचनाओं को जल्दी access करने की अनुमति देता हैं।
संक्षेप में – Conclusion
Data Structure सूचनाओं को व्यवस्थित रूप से लगाने का एक साधन हैं। इसकी सहायता से हम किसी डेटा को सूचना में परिवर्तित कर देते हैं। जिस कारण उस सूचना के समूह के व्यवस्थित रूप को Data Structure कहा जाता है।
तो दोस्तों आज आपने विस्तार से जाना कि डाटा स्ट्रक्चर क्या हैं? (What is Data Structure in Hindi). हम आशा करते हैं कि इस पोस्ट के माध्यम से आपने नवीन तथ्यों को ग्रहण किया होगा। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे जरूर शेयर करें।
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