Assembler क्या हैं? यह एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हैं जो असेंबली भाषा को मशीनी भाषा में translate करने का कार्य करता हैं।
मशीनी भाषा में कंप्यूटर को निर्देश देना अत्यंत कठिन कार्य हैं और इसी कठिन कार्य को सरल बनाने के लिए assembly language का निर्माण हुआ, क्योंकि इस language के codes को पढ़ना एवं लिखना सरल हैं।
Assembly language के निर्माण के बाद अब जरूरत थी कि इनके कोड्स में कुछ ऐसे परिवर्तन किए जाए, जिससे इन कोड्स को कंप्यूटर आसानी से समझ सकें।
इस आवश्यकता की पूर्ति हेतु Assembler software का निर्माण किया गया। जो assembly language के codes को ट्रांसलेट कर उन्हें मशीनी codes में बदलता हैं।
कंप्यूटर में असेम्बलर क्या हैं? यह Assembly codes को ट्रांसलेट करने की प्रक्रिया हैं। जो कंप्यूटर की भाषा शैली में परिवर्तन लाने का कार्य करती हैं। इसकी सहायता से कंप्यूटर के विकास की प्रक्रिया को एक नया आयाम मिला हैं।
पोस्ट में निम्नलिखित टॉपिक कवर किये गए है: –
आइये सबसे पहले जानें असेम्बलर क्या होता हैं – What is Assembler in Hindi?.
असेम्बलर क्या हैं (What is Assembler in Hindi)?
जैसा कि हमने बताया यह Assembly Language को Machine Language में बदलने का कार्य करता हैं। जिसकी सहायता से कंप्यूटर सरलता से input-output की प्रक्रिया को पूर्ण करता हैं।
Assembly language में mnemonic codes का समूह होता हैं। जिनको कंप्यूटर नहीं समझ सकता, क्योंकि कंप्यूटर सिर्फ बाइनरी भाषा (Machine language) को ही समझ पाता हैं। इन mnemonic codes को मशीनी codes में बदलने का जो कार्य किया जाता हैं। वह कार्य Assembler की सहायता से किया जाता हैं।
Assembler एक मध्यम वर्गीय ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर हैं जो source code को object codes में बदलने का कार्य करता हैं। यहाँ पर source code से आशय असेंबली भाषा से हैं और objects code से आशय मशीनी भाषा से।
यह assembly codes और मशीनी codes दोनों को समझने योग्य होता हैं और इसी की सहायता से यह ट्रांसलेट की अपनी प्रक्रिया को पूर्ण करता हैं। यह assembly language (mnemonic codes) को 0 और 1 की इकाइयों में ट्रांसलेट कर उन्हें मशीनी कोड प्रदान करने का कार्य करता हैं। इसके कार्य को निम्न ग्राफ द्वारा समझा जा सकता हैं।
Assembly Language > Assembler > Machine Language
यह आधुनिक तकनीक की एक ऐसी खोज हैं जो assembly program को Machine-level program में कम समय मे ही translate कर लेता हैं। इसके पास खुद का database होता हैं जो translate की प्रक्रिया में असेम्बलर की सहायता करता हैं।
जहाँ कम्पाइलर source कोड को assembly code में बदलता हैं वहीं assembler, assembly codes को मशीनी कोड्स में बदलने का कार्य करता हैं। यह अपनी कार्य प्रणाली में binary code के रूप में output प्रदान करता हैं। इसके उदाहरण के रूप मे हम GNU Assembler को देख सकते हैं।
Assembler सम्पूर्ण codes का अध्ययन विभिन्न भागों में विभक्त कर करता हैं और प्रत्येक code को बाइनरी कोड्स में परिवर्तित कर उन्हें relocated करने का कार्य करता हैं। यह code translation की वह प्रक्रिया हैं, जो assembly language की संरचना को कंप्यूटर के अनुरूप design करती हैं।
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असेम्बलर के प्रकार (Types of Assembler)
Assembler द्वारा source codes को translate कर objects codes में बदलने की जो प्रक्रिया पूर्ण की जाती हैं उनको दो भागों में विभाजित किया गया हैं जो विभिन्न प्रकार से अपनी-अपनी भूमिकाएं निभाते हैं। जो निम्न प्रकार से कार्य करते हैं —
- One-pass Assembler: यह एक बार में ही सीधे Assembly codes को Machine Codes में ट्रांसलेट करने का कार्य करता हैं।
- Two-pass या Multi-pass Assembler: यह प्रोग्राम ट्रांसलेट करने हेतु विभिन्न चरणों से होकर गुजरता हैं। यह अपनी translate प्रक्रिया को पूर्ण करने से पूर्व assembly codes को Opcode और symbol table में विभाजित करता हैं। उसके बाद यह मशीनी कोड्स में परिवर्तित करने का अपना कार्य पूर्ण करता हैं।
असेम्बलर के लाभ (Advantages)
Assembler के लाभ निम्नलिखित है: –
- यह assembly language को तीव्र गति से ट्रांसलेट करने का कार्य करता हैं। क्योंकि इसके codes पहले से ही low level language पर होते हैं।
- इसे assembly और machine language दोनों के programming codes का ज्ञान होता हैं। जिस कारण यह उत्तम तरीके से कार्य करता है।
- यह अपनी प्रक्रिया में कम समय लेता हैं और साथ ही इसको अपने codes को store करने हेतु कम storage की आवश्यकता होती हैं।
- Assembler, programming codes का विभिन्न भागों में read करता हैं, जिस कारण इसमें गलती होने की आशंका बहुत कम हो जाती हैं।
- इसके उपयोग से हम कम समय में कंप्यूटर को निर्देश दे सकते हैं परंतु इसके लिए Assembly Language का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक हैं।
- यह स्वचालित रूप से assembler storage के स्थान का चयन कर उसको उस जगह स्थापित करने का कार्य भी करता हैं।
- यह इतने secure होते हैं कि इसके नष्ट होने की आशंका बहुत कम मात्रा में होती हैं।
Assembler कैसे काम करता है
यह Assembly Language के mnemonic codes को मशीनी codes में परिवर्तित करता हैं और परिवर्तन की इस प्रक्रिया को वह तीन चरणों में सम्पन्न करते हैं।
यह source code को सर्वप्रथम object code में translate करता हैं और फिर उसके बाद यह ऑब्जेक्ट कोड को linker program की सहायता से मशीनी कोड्स में ट्रांसलेट करता हैं।
Opcode Table — यह table mnemonic codes को एकत्रित कर store करने का कार्य करती हैं। जो इसकी translate की प्रक्रिया का प्रथम चरण हैं।
Symbol Table — यह प्रोग्रामर द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली programming language के संख्यात्मक आंकड़ो को एकत्रित करने का कार्य करता हैं।
Location Counter — यह उस स्थान का चयन करता हैं जहाँ उन ट्रांसलेट किये गए कोड्स को स्थापित किया जाना होता हैं।
निष्कर्ष – Conclusion
Assembler क्या हैं? (What us Assembler in Hindi) यह कंप्यूटर के विकास की वह प्रक्रिया है। जो कंप्यूटर के कार्य करने के तरीकों में सरलता लाने का कार्य करता हैं। इसके programming system को assembly codes और machine codes दोनों को read करने की क्षमता होती हैं। जिस कारण यह अपना कार्य तीव्र गति से कर पाता है।
Assembler की सहायता से विभिन्न प्रकार के software निर्माण के कार्य में codes का निर्माण किया जाता हैं। जिसकी सहायता से आधुनिक तकनीको से संबंधित विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती हैं।
तो दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से आपने जाना कि असेम्बलर क्या होता हैं? अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने अन्य परिजनों के साथ अवश्य शेयर करें।