इस लेख COCOMO Model in Hindi में हम चर्चा करेंगे कि कोकोमो मॉडल क्या है, इसकी फुल फॉर्म और प्रकार के बारे में। लेख को अंत तक पढ़ने के बाद आपको इस विषय से सम्बंधित पूरी जानकारी हो जाएगी।
What is COCOMO Model in Hindi? (कोकोमो मॉडल क्या है)
COCOMO का पूरा नाम “Constructive Cost Model” है। इसे Barry Boehm द्वारा 1981 में प्रस्तावित किया गया था। यह बहुत प्रसिद्ध मॉडल में से एक है जिसका उपयोग प्रोजेक्ट की लागत का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।
इसे Cost estimation model भी कहते है। इस मॉडल का उपयोग करके हम न सिर्फ किसी project की cost का अनुमान लगा सकते है बल्कि उस प्रोजेक्ट को विकसित करने में लगने वाले time, efforts और people (लोगों) की संख्या का अनुमान भी लगा सकते है।
COCOMO मॉडल LOC (Lines of Code) पर आधारित है जहां सिस्टम को विकसित करने के लिए आवश्यक code की total lines के आधार पर project estimation किया जाता है। यानी system का size (आकार) project की लागत को परिभाषित करता है।
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COCOMO मॉडल software project के तीन वर्गों पर लागू होता है:
- Organic
- Semi-detached
- Embedded
1. Organic –
यह वे project होते है जिसमें small team होती है और टीम को इस काम का अच्छा experience होता है। उनके द्वारा ऐसे projects को अतीत में किया जा चुका होता है, इसलिए वे समस्या से अच्छी तरह अवगत होते है। इन project की requirements rigid नहीं होती है अर्थात उन्हें बदला जा सकता है। organic class के project का एक उदाहरण inventory management system है।
2. Semidetached –
यह वे project होते जिसमें medium size की team होती है और उसमें experience और newbies दोनों ही तरह के members काम करते है। यह organic से अधिक complex लेकिन Embedded class के project से simple होते है। इनमें mixed rigid requirements होती है। Semidetached class के project का एक उदाहरण Database management system (DBMS) है।
3. Embedded –
यह complex project होते है और इनमें अन्य दो वर्गों के मुकाबले बड़ी team की आवश्यकता होती है। इसके अलावा इन प्रोजेक्ट के लिए एक creative और experienced team चाहिए होती है। Embedded class के project का एक उदाहरण Traffic light control software है।
COCOMO, software cost estimation models की एक hierarchy है। अर्थात इसके अंतर्गत तीन अन्य models आते है जो अलग-अलग तरीकों से project की cost का अनुमान लगाते है, लेकिन अनुमान का आधार वही रहता है।
Boehm के अनुसार, project cost estimation तीन stages के माध्यम से किया जाना चाहिए:
- Basic
- Intermediate
- Detailed
1. Basic COCOMO Model: बेसिक मॉडल project parameters का approximate अनुमान लगाता है। यानी यह project के effort और cost को predict करता है। इसका उपयोग आमतौर पर small और medium size के software के लिए होता है। software development effort का अनुमान LOC का उपयोग करके लगाया जाता है।
Basic COCOMO मॉडल में cost को estimate करने के लिये निम्न formula का उपयोग किया जाता है –
Effort (E) = a* (KLOC)b PM
Tdev (D) = c* (efforts)d Months
People Required = E/D
- यहां KLOC का मतलब Kilo Lines of Code है।
- a1,a2,b1,b2 सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट के प्रत्येक समूह लिए constants है।
- PM का मतलब person months से है।
- Tdev का मतलब development time है।
Constant values
Project Class | a | b | c | d |
---|---|---|---|---|
Organic | 2.4 | 1.05 | 2.5 | 0.38 |
Semi-detached | 3.0 | 1.12 | 2.5 | 0.35 |
Embedded | 3.6 | 1.20 | 2.5 | 0.32 |
2. Intermediate COCOMO Model: यह basic COCOMO model का extension है। Intermediate model में 15 अतिरिक्त predictors (cost drivers) का एक set शामिल होता है। cost drivers प्रोजेक्ट की nominal cost को actual project environment में समायोजित करते है। इससे हम cost का और accurate estimate प्राप्त कर पाते है। यह cost estimation के दौरान development environment को भी ध्यान में रखता है।
Intermediate COCOMO equation –
E = ai (KLOC)bi * EAF
यहां पर EAF का मतलब Effort adjustment factor है जो 15 cost drivers की value को calculate करके मिलता है।
Constant values
Project Class | a | b |
---|---|---|
Organic | 3.2 | 1.05 |
Semidetached | 3.0 | 1.12 |
Embedded | 2.8 | 1.20 |
3. Detailed COCOMO Model: यह Intermediate COCOMO model का extension है। यह मॉडल phase sensitive होता है। यह sdlc के प्रत्येक phase में cost drivers के effect को calculate करता है। यह प्रत्येक cost drivers के लिए phase sensitive effort multipliers का उपयोग करता है। इससे प्रत्येक phase को पूरा करने में लगने वाले effort की मात्रा को निर्धारित करने में मदद मिलती है।
Detailed COCOMO के 6 phases है –
Planning and requirements
System design
Detail design
Module code and test
Integration and test
Cost construction
Conclusion (संक्षेप में)
इस लेख What is COCOMO Model in Hindi? में हमे कोकोमो मॉडल क्या है पर चर्चा करी। जिसके अंतर्गत हमने जाना कि इस मॉडल का उपयोग किसी project की cost, उसमे लगने वाले development time और effort का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही हमने विभिन्न COCOMO models पर भी चर्चा करी।
तो उम्मीद है, इस लेख को पढ़ने के बाद आपकी इस विषय से सम्बंधित सभी शंकाये दूर हो गयी होगीं। यदि फिर भी आपने पास कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे comment में जरूर बताएं। पोस्ट ज्ञानवर्धक लगी हो तो इसे social media पर share जरूर करें।
Software Development Models
Detailed COCOMO के 6 phases है –
Planning and requirements
System design
Detail design
Module code and test
Integration and test
Cost construction