इस पोस्ट में आप जानेंगे Microphone क्या है इसका उपयोग और यह कितने प्रकार के होते है?
आपने यूट्यूब पर ऐसे वीडियो देखे होंगे, जिसमे कोई गायक किसी डिवाइस के सामने खड़ा होकर गाना गा रहा है या फिर आपने ऐसी भी सामाजिक सभा देखी होगी जिसमें कोई राजनेता डिवाइस के सामने खड़ा होकर भाषण दे रहा है। दरअसल जिस डिवाइस का उपयोग इन लोगों द्वारा किया जाता है उसे Microphone कहते है, जो कई प्रकार के होते है।
दुनिया के साथ साथ भारत में इस डिवाइस का निर्माण करने वाली कई कंपनियां मौजूद है जो अलग-अलग प्रकार के बढ़िया Microphone बनाती हैं। Microphone को mic और Mike के नाम से भी जाना और पहचाना जाता है। आइए इस आर्टिकल में Microphone क्या होता है इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करते हैं।
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माइक्रोफोन क्या होता है
माइक्रोफोन के प्रकार
माइक्रोफोन कैसे काम करता है
माइक्रोफोन के फायदे और नुकसान
माइक्रोफोन का उपयोग कैसे करें
माइक्रोफोन क्या है? (What is Microphone in Hindi)
Microphone को कंप्यूटर के Input device के तौर पर जाना जाता है। जिसकी सहायता से sound को electronic signal में तब्दील किया जाता है। अगर हमारे पास mic उपलब्ध है तो हम इसके जरिए कंप्यूटर में भी साउंड को डाल सकते हैं और यही नहीं इसमें बोलकर टाइपिंग भी करना संभव है।
इसे कंप्यूटर के साथ जोड़ने के लिए sound card को इस्तेमाल में लिया जाता है। राजनीतिक रैलियों में भाषण देने के लिए या फिर 15 अगस्त अथवा 26 जनवरी के मौके पर speech देने के लिए माइक का इस्तेमाल किया जाता है और इसके अलावा live performance देने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
इनपुट डिवाइस में गिने जाने वाले Microphone की सहायता से किसी भी sound को electronic signal में परिवर्तित किया जा सकता हैं और यही नहीं किसी भी voice को mike के जरिए analog signal में भी convert कर सकते हैं।
हिंदी भाषा में Microphone को माइक कहा जाता है। शादी और दूसरे मांगलिक कार्यक्रमों में अपनी आवाज को जोर से दूर तक पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। हालांकि इसके उपयोग से sound pollution भी काफी ज्यादा फैलता है।
वर्ष 1876 के आसपास में Emile Berliner ने Thomas Edison के साथ मिलकर काफी रिसर्च की और वे Microphone का आविष्कार करने में सफल रहे।
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Microphone का उपयोग निम्नलिखित कार्यो के लिए किया जाता है:
- Microphone का उपयोग साउंड रिकॉर्डिंग करने के लिए अथवा ऑडियो रिकॉर्डिंग करने के लिए होता है।
- वॉइस, वीडियो चैटिंग और वॉइस रिकॉग्निशन के लिए इसका उपयोग होता है।
- राजनीतिक रैली में भाषण देने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- स्कूल में भाषण देने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- म्यूजिक प्रोडक्शन, ऑल साउंड इंजीनियरिंग के लिए इसका उपयोग होता है।
- कंप्यूटर स्ट्रीमिंग और गेमिंग के लिए इसका यूज़ होता है।
- आवाज को तेजी के साथ दूर तक भेजने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
माइक्रोफोन के प्रकार (Types of Microphone in Hindi)
आपने ये देखा होगा कि Mic भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं और वह अलग-अलग प्रकार की पद्धति पर कार्य करते हैं। हम नीचे mic को उनकी पद्धति के आधार पर 3 प्रकारों में विभाजित कर रहे हैं, जो नीचे बताए अनुसार है:
- डायनामिक माइक्रोफोन
- कंडेनसर माइक्रोफोन
- रिबन माइक्रोफोन
1. Dynamic Microphone (डायनामिक माइक्रोफोन)
सबसे ज्यादा किसी mic का अगर लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है तो वह dynamic mic ही है क्योंकि इसकी मुख्य विशेषता यह है कि इसकी डिजाइन बहुत ही शानदार होती है।
इसमें धातु की एक coil होती है जो कि चुंबक से चिपकी हुई होती है और इसमें एक पतली सी सीट होती है जिसे diaphragm कहा जाता है जो कि चुंबक के सामने रखी हुई होती है और coil में पैदा हुए vibration को sound waves में ट्रांसमिट करता है।
इस प्रकार के mic को काफी टिकाऊ माना जाता हैं और इनको इस्तेमाल करने के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि इस प्रकार के mic में वायर नहीं होते हैं।
2. Condenser Microphone (कंडेनसर माइक्रोफोन)
गाना गाने के लिए singers के द्वारा जिसका इस्तेमाल किया जाता है उसे condenser mic कहते हैं। इसका इस्तेमाल बेहतरीन sound recording के लिए किया जाता है। इसलिए जब सिंगर द्वारा किसी गाने की रिकॉर्डिंग की जाती है तो इसी प्रकार के mic का इस्तेमाल होता है।
इसमें आवाज काफी साफ आती है। हर condenser mic में एक front और एक back plate लगी हुई होती है और जब sound wave diaphragm पर पहुँचती है तब वह electrical wave में कन्वर्ट होता है। इसको चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है।
3. Ribbon Microphone (रिबन माइक्रोफोन)
अपनी बेहतरीन क्वालिटी के लिए ribbon microphone जाना जाता है। इनके अंदर aluminum से बनी हुई पतली ribbon मौजूद होती है जो चुंबकीय क्षेत्र में कार्य करती है।
Mic की तरफ से जो sound आता है वह ribbon में vibration पैदा करता है और वाइब्रेशन की स्पीड के अनुपात में एक वोल्टेज भी पैदा होती हैं जो कि electrical signal के तौर पर सेंड किए जाते हैं।
इसके अलावा माइक के प्रकार में cardioid mic, bidirectional mic, और omnidirectional mic आदि भी शामिल है।
Microphone कैसे काम करता है
Microphone को सबसे पहले कंप्यूटर में जोड़ा जाता है जिसे हम प्रायः कनेक्ट करना कहते हैं। कंप्यूटर में अपने Microphone को जोड़ने के लिए आपको अपने कंप्यूटर में soundcard और driver इंस्टॉल करना जरूरी है परंतु बता दे कि अगर कंप्यूटर में साउंड कार्ड मौजूद नहीं है तो आप USB mic को भी इस्तेमाल में ले सकते हैं।
जब कंप्यूटर से mic को जोड़ दिया जाता है तो उसके बाद जब हम इस पर कुछ बोलते हैं, तो हमारे द्वारा बोले गए शब्दों से soundwave उत्पन्न होती है जो mic के अंदर मौजूद diaphragm से टकराती है, जिसकी वजह से vibration पैदा होता है और इसकी वजह से mic के अंदर मौजूद coil भी हिलने लगती है।
Mic के अंदर चुंबक भी होता है और जब चुंबकीय फील्ड से कॉइल पास होता है तो कोइल के अंदर electricity flow होने लगती है। बता दें कि कोईल के साथ amplifier भी कनेक्ट होता है जो उस इलेक्ट्रिसिटी को amplify करता है जो कोईल से आती है। यह एंपलीफायर साउंड को कहीं भी सेंड कर सकता है जैसे कि कंप्यूटर या फिर लाउडस्पीकर में।
माइक्रोफोन के फायदे और नुकसान
माइक्रोफोन के फायदे (Advantages of Microphone in Hindi):
- लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाले जो माइक आ रहे हैं उसमें अब पावर सप्लाई की आवश्यकता नहीं होती है।
- इनके द्वारा तत्काल साउंड की तरंगों को कन्वर्ट किया जा सकता है।
- इसकी कीमत ज्यादा महंगी नहीं होती है यह काफी सस्ते होते हैं।
- बढ़िया क्वालिटी के mic हाई साउंड लेवल प्रेशर को आसानी से सहन कर लेते हैं।
माइक्रोफोन के नुकसान (Disadvantages of Microphone in Hindi):
- कुछ ऐसे भी माइक है जो काफी संवेदनशील है जिसमें बैकग्राउंड में जो अन्य आवाज आती है वह उसे भी कैप्चर कर लेते हैं।
- ज्यादा मेमोरी की जरूरत तब होती है जब साउंड फाइल को स्टोर करना होता है।
- कम कीमत वाले mic की साउंड क्वालिटी अच्छी नहीं होती है।
Microphone का उपयोग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
जब कभी Microphone का इस्तेमाल आपके द्वारा किया जाए, तब निम्न बातों का ध्यान आपको रखना है। Microphone को डिवाइस के साथ जोड़ने के बाद उसकी टेस्टिंग अवश्य करनी चाहिए। इसके लिए आपको पावर ऑन करने के पश्चात उसमें कुछ शब्द को बार-बार बोल करके देखना चाहिए कि वह काम कर रहा है या नहीं।
जब इसकी टेस्टिंग करने के बाद यह कंफर्म हो जाए कि वह साउंड ले रहा है तो साउंड और टोन कंट्रोल द्वारा इच्छित साउंड की स्पीड को कंट्रोल कर लेना चाहिए। Mic को अपने मुंह से तकरीबन 10 इंच की दूरी पर रखना चाहिए। अपने मुंह से कभी भी हवा निकाल कर के आपको माइक में फूक नहीं मारनी चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से इसकी सेंसिटिविटी प्रभावित होती है।
अगर आप यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करते हैं और वीडियो अपलोड करके पैसे कमाने की इच्छा रखते हैं, तो आपको माइक पर विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए, साथ ही आपको वीडियो की क्वालिटी पर भी ध्यान देना चाहिए।
वीडियो की क्वालिटी को बेहतर करने के साथ आपको ऑडियो की क्वालिटी पर भी फोकस करना चाहिए ताकि आप जो कुछ भी बोले वह साफ तौर पर सुनाई दे और आसानी से लोगों को समझ में आए।
यूट्यूब पर अगर आप अपना चेहरा दिखा करके वीडियो बनाते हैं तो आपको कॉलर वाले mic का इस्तेमाल करना चाहिए। यह आपके मुंह के ठीक नीचे होता है। इसलिए आप जो कुछ भी बोलते हैं वह साफ तौर पर सुनाई देता है और ऑडियंस को एक ही बार में समझ आ जाता है।
अगर आप बिना चेहरा दिखाएं वीडियो बनाते हैं तो आपको USB mic का इस्तेमाल करना चाहिए।
संक्षेप में (Conclusion)
तो Microphone क्या होता है? उप्पर जो बताया अगर उसे संक्षेप में समझे तो Microphone एक डिवाइस है जो audio को capture करने का काम करती है। इसके लिए यह sound waves को electronic signals में convert करती है।
उम्मीद है, इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको समझ में आ गया होगा कि माइक्रोफोन क्या है? (What is Microphone in Hindi), इसका उपयोग और यह कैसे काम करता है। अगर पोस्ट से सम्बंधित कोई सवाल या सुझाव हो तो कृपया निचे कमेंट में जरूर बताये।
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