नेटवर्क हब क्या है यह कैसे काम करता है?

हब क्या हैं? (What is Hub in Hindi) यह एक हार्डवेयर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं जिसमें अनेकों ports लगे हुए होते हैं। इस प्रकार के उपकरण का उपयोग एक से अधिक कंप्यूटर के मध्य डेटा को भेजने के लिए किया जाता हैं। यह ऐसा डिवाइस होता हैं जो बिना किसी सॉफ्टवेयर के ही अपना सम्पूर्ण कार्य करता हैं।

Hub Kya Hai in Hindi

इसके साथ ही Router की तरह इसमें भी लाइट इंडिगेटर लगा होता हैं। जो यह बताता हैं कि हमारा Hub अच्छे से कार्य कर रहा हैं या नहीं। इसका मुख्य कार्य दो या दो से अधिक कम्प्यूटरों के मध्य डेटा या सूचनाओं का आदान-प्रदान करना होता हैं।

यह डिवाइस Switch की तरह intelligent device नहीं होता। जिस कारण यह सूचनाओं में filtering करने जैसा कोई कार्य नहीं कर पाता हैं। यह ऐसे डेटा को कंप्यूटर में आने से नहीं रोक पाता जिसको उस कंप्यूटर में भेजने के लिए निर्दर्शित नहीं किया जाता हैं।

Network Hub एक multi-portable डिवाइस होता हैं। जिसके माध्यम से हम इसमें एक से अधिक डिवाइस को इस उपकरण से कनेक्ट कर पाते हैं। इसका उपयोग सिर्फ Local Area Network (LAN) के लिए ही किया जाता है।

हब क्या है – What is Hub in Hindi ?

Network Hub एक physical layer डिवाइस हैं। इसका उपयोग किसी नेटवर्क में एक से अधिक डिवाइस को जोड़ने के लिए किया जाता हैं। आमतौर पर इसका उपयोग LAN में किसी डिवाइस को कनेक्ट करने के लिए किया जाता हैं।

Hub में अनेकों ports होते हैं जिनकी सहायता से हम कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को आपस मे कनेक्ट कर सकते हैं। जब कोई सूचना या डेटा किसी एक port के माध्यम से Hub के पास आता हैं तो यह उस सूचना या डेटा को इससे जुड़े सभी कंप्यूटर में भेज देता हैं।

यह एक node की तरह काम करता हैं जो अनेकों कंप्यूटर्स के मध्य डेटा को broadcast करने का कार्य करता हैं। यह LAN के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं।

यह ethernet आधारित डिवाइस होता हैं जो इसकी सहायता से अनेकों कंप्यूटर को अपने नेटवर्क से जोड़े रखता हैं और उन सभी के मध्य डेटा ट्रांसफर करने का एक गढ़ बनता हैं। जिस कारण इसे “Hub” कहा जाता हैं।

इसमें राउटर की भांति कोई routing table नहीं होती और न ही यह intelligent device होता हैं। जिस कारण इनमें डेटा नियंत्रित की क्षमता नहीं होती। इसे अधिक विश्वसनीय नेटवर्किंग डिवाइस नहीं माना जाता। किन्तु इसके पश्चात भी यह आपके कार्यों और उपयोगिताओं में विशेष नेटवर्किंग उपकरण हैं।

यह नेटवर्क शेयरिंग का एक उत्तम मार्ग हैं इसकी लागत भी अन्य नेटवर्किंग उपकरणों की तुलना में कम होती हैं किंतु इसके पश्चात भी इसका उपयोग वर्तमान समय मे कम ही मात्रा में किया जाता है लेकिन यह नेटवर्किंग प्रदान करने का एक सबसे सरल साधन हैं।

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Network Hub के Function क्या होते है

सामान्य शब्दों में कहें तो Network Hub का कार्य होता हैं एक से अधिक कंप्यूटर उपकरणों के मध्य डेटा को ट्रांसफर करने या शेयर करने की अनुमति प्रदान करना। इसके कार्यों को निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं:

  • Hub का मुख्य कार्य उपकरणों के मध्य संचार की अनुमति देना है।
  • यह LAN के स्थापन की प्रक्रिया मेंअपनी अहम भूमिका का निर्वाह करता हैं।
  • यह नेटवर्क के यातायात का प्रबंधन और उसमें निगरानी बनाये रखने का भी कार्य करती हैं।
  • यह एक से अधिक कंप्यूटर को आपस मे जोड़ता हैं जिससे उनमें इंटरनेट जैसे संचार संसाधनों को एक दूसरे से शेयर किया जा सकें।
  • इसका कार्य एक कंप्यूटर नेटवर्क के डेटा को खुद से जुड़े अन्य कंप्यूटर नेटवर्क में भेजने के लिए एक कड़ी का काम करना है जिससे डेटा का आदान-प्रदान हो सकें।

हब के प्रकार – Types of Hub in Hindi

Hub अनेकों ports से युक्त वह डिवाइस हैं जिसका उपयोग सूचनाओं को एक से अधिक डिवाइस में पहुँचाने के लिए किया जाता हैं। ये विभिन्न प्रकार के होते है।

Passive Hub: इस प्रकार के Network Hub का उपयोग physical network बनाने के लिए किया जाता हैं। यह वह केंद्र बिंदु होता हैं जिससे सभी तार आकर एक साथ कनेक्ट हो जाते हैं। इसका मुख्य कार्य होता हैं एक स्थान से पैकेट को उठाना और अन्य जुड़े डिवाइस को शेयर कर देना। इसके अंदर कनेक्टर (10Base-2 port और RJ-45) को सम्मिलित किया जाता हैं जो नेटवर्क के लिए मानक या नीतियों का निर्माण करते हैं। जिसके आधार पर यह अपना समस्त कार्य करता हैं।

यह सभी कनेक्टर LAN से जुड़े होते हैं। इसके साथ ही Passive Hub डिवाइस में AUI port भी होते हैं जो नेटवर्क डिजाइन के अनुसार transceiver के रूप में डिवाइस से जुड़े रहते हैं।

Active Hub: यह Passive Hub की तुलना में अधिक विशेष होते हैं। यह किसी डेटा को अन्य जुड़े कंप्यूटर में भेजने के साथ-साथ उसमें निगरानी रखने का भी कार्य करता हैं। यह सभी पैकेट को आवश्यकताओं के अनुसार विभाजित कर उसको जरूरतों के अनुसार शेयर करने का कार्य करता हैं। यह ऐसे पैकेट में भी उचित बदलाव करने में सक्षम होता है जो किसी रूप में श्रतिग्रस्त होते हैं।

अगर किसी कारण से इस डिवाइस का कोई port कमजोर सिग्नल प्राप्त करता हैं, लेकिन वह पढ़ने योग्य हैं, तो हब ऐसे कमजोर सिग्नल को अन्य किसी पोर्ट में शेयर करने से पहले उसे मजबूत सिग्नल में संगठित कर लेता हैं। यह कमजोर सिग्नल को ठीक तरह से काम करने के लिए उसे समय-समय पर बूस्ट भी करते रहता हैं जिस कारण LAN के कार्यों में निरंतरता बनाये रखी जा सकें।

Intelligent Hub: इसकी कार्य क्षमता और सुविधाएं ऊपर बताए गए Hub से अधिक होती हैं। इनके संचालन में software का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता हैं। जो नेटवर्क में आ रही समस्याओं की खोज करने और उसका समाधान करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।

यह LAN को ठीक तरीके से कार्य करने और उसकी कार्य क्षमताओं में वृद्धि करने का भी कार्य करता हैं। Intelligent hub सरलता और तीव्रता के साथ डेटा को अन्य जुड़े कंप्यूटर के साथ शेयर कर पाता हैं। यह सूचनाओं के आदान-प्रदान करने की एक कुशल डिवाइस हैं।

हब काम कैसे करता हैं?

Hub एक बिजली की वायर की तरह अपना कार्य करता हैं। जिसके अंतर्गत यह एक port के माध्यम से डेटा सिग्नल को प्राप्त करता हैं और उस डेटा सिग्नल को source port को छोड़कर अन्य सभी ports में भेज देता हैं।

Hub Kaise Kaam Karta Hai

हालाँकि ऐसे में यह ऐसी जानकारियों को भी अन्य कंप्यूटर सिस्टम तक पहुँचा देता हैं, जिसकी उन्हें आवश्यकता नहीं होती।

यह भौतिक रूप में टोपोलॉजी के अनुसार अपना कार्य करता हैं क्योंकि सभी उपकरण केंद्रीय node से एक दूसरे से कनेक्टेड होते हैं। लेकिन यह तार्किक रूप में सिर्फ टोपोलॉजी की नीतियों के अनुसार कार्य करता हैं।

Hub के Features

Hub की मुख्य विशेषता इसकी डेटा शेयरिंग की क्षमता हैं इसके साथ ही इसकी विशेषताओं को हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से भी समझ सकते हैं।

Broadcasting – इसकी प्रथम और मुख्य विशेषता इसकी Broadcast क्षमता होती हैं। जो भी डिवाइस इससे कनेक्टेड होते हैं यह उन सभी मे डेटा या पैकेट को वितरित करने का कार्य करता हैं।

Half-duplex Communication – Hub के डेटा संचार करने का माध्यम हाफ-डुप्लेक्स कम्युनिकेशन होता हैं। एक समय पर एक ही कंप्यूटर डेटा को ट्रांसमिट कर सकता हैं। अगर किसी अन्य कंप्यूटर को उस समय डेटा ट्रांसमिट करना हैं तो ऐसे में उसे इंतजार करना पड़ेगा।

Single Collision Domain – इससे तात्पर्य हैं कि दो कंप्यूटर एक समय में डेटा भेज नही सकते। अगर वह एक साथ सूचना को भेजने का प्रयास करते हैं तो डेटा नष्ट हो सकता हैं।

Use only Local Network – इसका उपयोग सिर्फ Local Area Network में ही किया जा सकता हैं। कहने का तात्पर्य यह हैं कि इसका उपयोग आप अपने घर या किसी छोटे व्यवसाय में ही कर सकते है। किसी बड़े व्यवसाय में इसका उपयोग करना लाभकारी सिद्ध नही होता।

Cannot Store MAC – यह एक बुद्धिमान डिवाइस नहीं हैं। जिस कारण यह MAC address को स्टोर करने में असमर्थ होता हैं क्योंकि यह किसी प्रकार की routing table को स्टोर नही करता हैं।

USB Hub क्या हैं

एक USB Hub विभिन्न ports वाली डिवाइस हैं, जिनका उपयोग कर किसी सिस्टम में USB ports की संख्या बढ़ाई जा सकती हैं। यह एक एक्सटेंशन लीड का यूएसबी संस्करण हैं जो एक USB सॉकेट को एक Hub में परिवर्तित कर देता हैं।

हम इसे अपने कंप्यूटर सिस्टम से कनेक्ट करके उसमें माउस, कीबोर्ड, पेन ड्राइव, आदि उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं। एक एक्सटेंशन लीड की तरह यूएसबी हब की भी कुछ निश्चित सीमाएं होती हैं। जिससे सीमित क्षेत्र में ही यह अपना कार्य कर सकता हैं।

अर्थात इस पर अधिक बिजली की खपत करने वाले उपकरणों का उपयोग नही किया जा सकता। इनका उपयोग माउस, कीबोर्ड, फ़ोन चार्जर, आदि के लिए किया जाता हैं।

Hub और Switch में क्या अंतर हैं

दोनों नेटवर्क डिवाइस के सामान्य अंतर को अगर हम देखे तो यह कहना उचित होगा कि Switch एक Hub की तुलना में अधिक विशेष होता हैं। वह इसीलिए क्योंकि स्विच में में अधिक ports होते हैं। तो चलिये इन दोनों के मध्य के अंतर को निम्न तालिका के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं।

HubSwitch
हब OSI मॉडल की physical layer (layer 1) पर अपना कार्य करता हैं।स्विच OSI मॉडल की data link layer पर कार्य करता हैं।
यह एक non-intelligent नेटवर्किंग डिवाइस हैं जिसका उपयोग डेटा को इससे जुड़े सभी कंप्यूटर को ब्रॉडकास्ट करने के लिए किया जाता है।यह एक intelligent नेटवर्किंग डिवाइस हैं जिसका कार्य चयनित डिवाइस तक ही किसी सूचना को पहुँचाना होता हैं।
इसका मुख्य कार्य किसी सूचना को इससे जुड़े कंप्यूटर सिस्टम तक पहुँचाना होता हैं।इसका कार्य unicast, multicast और प्रसारण के अनुरूप व्यवहार करना होता हैं।
इसके अंदर टकराव की स्थिति तब उत्पन्न होने लग जाती हैं जब एक ही समय में एक से अधिक कंप्यूटर सिस्टम डेटा संचारित करने लगते है।इसके अंतर्गत किसी भी स्थिति में सूचनाओं या पैकेट के मध्य कोई टकराव की स्थिति उत्पन्न नहीं होती हैं।
यह एक passive डिवाइस होता हैं जिसके संचालन में सॉफ्टवेयर की कोई अपनी भूमिका नही होती।यह एक active डिवाइस होता हैं जिसका नेटवर्क सॉफ्टवेयर युक्त होता हैं।
हब में ports की संख्या कम होती हैं जिस कारण इसकी कीमत भी कम होती हैं।स्विच में ports की संख्या अधिक होती हैं जिस कारण यह हब की तुलना में अधिक महँगे होते हैं।
इसमें अधिकतम ports की संख्या 4 से 12 तक होती हैं।इसमें अधिकतम ports की संख्या 24 से 48 के मध्य होती हैं।
यह एक half-duplex ट्रांसमिशन होता हैं।स्विच एक full-duplex ट्रांसमिशन होता हैं।

Star Topology मे Hub का उद्देश्य

Star network एक Local Area Network topology हैं, जिसमें सभी कंप्यूटर सिस्टम एक केंद्रीय बिंदु से जुड़े होते हैं जिसे Hub कहते हैं। स्टार नेटवर्क एंटरप्राइज नेटवर्क की एक्सेस लेयर से लेस होते हैं, और यह एक्सेस लेयर सभी आखिरी हिस्से को LAN से जोड़ने के लिए नेटवर्क स्विच का उपयोग करती हैं।

इससे जुड़े सभी कंप्यूटर स्टार के आकार का दृश्य बनाते हैं जिस कारण इसे स्टार टोपोलॉजी कहा जाता हैं। नेटवर्क टोपोलॉजी हब के समस्त कार्यो को पूर्ण करने में अपना अहम योगदान देता हैं।

सामान्य शब्दों में कहें तो स्टार टोपोलॉजी का उद्देश्य Hub की सहायता से कंप्यूटर को आपस मे जोड़ना हैं। स्टार टोपोलॉजी का केंद्रीय बिंदु हब होता हैं

Hub Basic Terms

हमने उप्पर कुछ शब्दावली का उपयोग किया है, जो अक्सर Network Hub को समझाने के लिए उपयोग की जाती है। आइये उन बेसिक शब्दावली के मतलब को जाने।

Domain: यह Hub का एक भौगोलिक और लॉजिकल क्षेत्र है, जहाँ पर हब से आने वाली सूचनाओं को कंप्यूटर में स्टोर करके रखा जाता हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो डोमेन का उपयोग कंप्यूटर के एक विशेष क्षेत्र या स्थान के नाम को संबोधित करने के लिए किया जाता हैं। जिसकी सहायता से हम कंप्यूटर में होने वाले बदलावों को देख और सुन सकते हैं।

Collision Domain: जब कभी दो कंप्यूटर के मध्य टकराव की स्थिति उत्पन्न होती हैं तो डोमेन से जुड़ा प्रत्येक दूसरा कंप्यूटर टकराव के परिस्थिति को सुनता या उसके स्थान को देखता है। उदाहरण जब हब के माध्यम से दो डिवाइस द्वारा सूचना या पैकेट को एक समय मे शेयर किया जाता हैं तो ऐसे में डोमेन के मध्य एक टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं। लेकिन स्विच का उपयोग करने पर डोमेन के मध्य कोई टकराव की स्थिति उत्पन्न नही होती।

Broadcast Domain: ब्रॉडकास्ट डोमेन उसे कहते हैं जहाँ हब के माध्यम से भेजा गए डेटा को कंप्यूटर में एक साथ देखा जाता हैं। हब और स्विच Broadcast Domain को विभाजित नहीं कर सकते जिस कारण इनको विभाजित करने के लिए हमें एक राउटर की आवश्यकता होती हैं।

Repeaters: यह Hub के समान ही हैं। यह दो या दो से अधिक कंप्यूटर सिस्टम को आपस मे जोड़ने का एक सरल और सस्ता तरीका हैं। Hub को ही Repeaters के रूप में जाना जाता हैं और यह OSI मॉडल की फर्स्ट लेयर में काम करता हैं।

Physical Layer: यह वह लेयर होती हैं जिसकी सहायता से Hub सूचनाओं को अनेकों कम्प्यूटरों तक पहुँचाता हैं। इस लेयर का कार्य फिजिकल और इलेक्ट्रिकल कनेक्शन प्रदान करना होता हैं। यह लेयर digital signal को electrical signal में परिवर्तित करने का कार्य करती हैं। जिससे कंप्यूटर, हब के द्वारा भेजे गए पैकेट को decode कर पाए। यह लेयर नेटवर्क टोपोलॉजी का कार्य करने में भी सक्षम होती हैं।

Intelligent Device: यह वह डिवाइस होते हैं जो डेटा प्राप्त करने वाले उपकरणों के स्थान एवं उनके संबंध में जानकारी प्राप्त कर उसके अनुरूप कार्य करने में समर्थ होते हैं। जैसे- राउटर, स्विच, आदि। इस प्रकार के डिवाइस के कार्यो एवं प्रोग्राम को सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी संचालित किया जा सकता हैं।

संक्षेप में – Conclusion

हब क्या हैं? (What is Hub in Hindi) में आपने जाना कि यह एक नेटवर्किंग डिवाइस होता हैं जो physical layer की सहायता से अपना कार्य करता हैं। यह एक ऐसा उपकरण होता हैं जिसकी सहायता से किसी सूचना को एक से अधिक कंप्यूटर को आसानी से भेजा जा सकता हैं।

इसके अंदर अनेकों ports होते है जिनकी सहायता से विभिन्न कंप्यूटर आपस मे कनेक्टेड रहते हैं और सूचनाओं को प्राप्त करते हैं। तो दोस्तों आज आपने हमारी इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि Hub क्या होता हैं या किसे कहते हैं? अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने अन्य साथियों के साथ भी अवश्य शेयर करें।



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