यूआरएल क्या होता है? इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे URL क्या है (What is URL in Hindi) और ब्लॉग/वेबसाइट के लिए URL कैसे बनाये?
अक्सर आपको सोशल मीडिया पर ऐसी बहुत सारी वेबसाइट के link दिखाई दिए होंगे जिस पर click करके आप उस website तक पहुंचे होंगे। दरअसल उन links को URL भी कहा जाता है। URL किसी वेबसाइट या फिर ब्लॉग का होता है और इसे ओपन करना काफी आसान होता है।
आपको बस URL को copy करके किसी भी ब्राउज़र के address bar पर जाकर paste करना होता है और सर्च करना होता है। ऐसा करने पर जिस वेबसाइट का link होगा, वह वेबसाइट आपकी स्क्रीन पर ओपन हो जाएगी।
आइए इस आर्टिकल में यूआरएल किसे कहते है और इसका मतलब क्या है (Meaning of URL in Hindi)? इस विषय में जरा बारीकी से जानकारी हासिल करते हैं।
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यूआरएल क्या होता है
यूआरएल का फुल फॉर्म
यूआरएल कैसे बनाये
यूआरएल कैसे काम करता है
यूआरएल शॉर्टनर क्या है
सिक्योर URL की पहचान क्या है
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
यूआरएल क्या होता है? (What is URL in Hindi)
अगर सामान्य शब्दों में URL की व्याख्या की जाए तो यह किसी भी website का address या उसका link होता है। जिस पर क्लिक करने पर आप उस वेबसाइट या webpage पर चले जाते हैं। आप URL की सहायता से ऐसी वेबसाइट पर पहुंच सकते हैं जो web server पर स्टोर होती है, साथ ही आप सर्वर के रिसोर्स को भी एक्सेस कर सकते हैं।
एक URL का ढांचा http:// या https:// से ही शुरू होता है। इसके बाद आपको host name (www.) देखने को मिलता है, जिसका मतलब होता है world wide web और उसके पश्चात website का name आता है।
अंत में domain extension (TLD) आता है जैसे कि .com, .in, .net, .org, .edu, etc. और फिर इसके बाद का permalink आता है जो उस सटीक वेब पेज की पहचान करता है।
Example: https://nayaseekhon.com/url-kya-hota-hai-hindi
URL की Full Form क्या है
URL का पूरा नाम “Uniform Resource Locator” होता है, और हिंदी भाषा में इसका अनुवाद सम स्त्रोत निर्धारक होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जो भी वेबसाइट इंटरनेट पर मौजूद हैं, उसे एक्सेस करने के लिए URL का इस्तेमाल किया जाता है।
इसके अलावा web browser जैसे Google Chrome एक माध्यम है जिसके द्वारा किसी URL को एक्सेस किया जा सकता है। वर्ष 1994 के आसपास में Tim Berners-Lee नाम के व्यक्ति के द्वारा इसकी खोज की गई थी।
जब URL बनाया जाता है तो इस दौरान small और capital alphabets का इस्तेमाल होता है। इसमें किसी भी प्रकार के space का इस्तेमाल नहीं होता है। अगर space दिया जाएगा तो URL सही प्रकार से काम नहीं करेगा।
SEO फ्रैंडली URL कैसे बनाये
किसी भी वेबसाइट/ब्लॉग के लिए URL बहुत ही इंपॉर्टेंट माना जाता है। यह यूजर और आपके ब्लॉग पर पब्लिश पोस्ट के बीच एक जरिए का काम करते हैं। जब किसी यूजर के द्वारा link पर क्लिक किया जाता है तो वह डायरेक्ट आपकी वेबसाइट पर पहुंच जाता है और आपकी वेबसाइट को एक्सेस करता है।
इतना ही नहीं Search Engine Optimization (SEO) में भी इसका काफी ज्यादा महत्व है। यह आपकी वेबसाइट अथवा ब्लॉग के यूजर एक्सपीरियंस को बढ़िया बनाने का काम करता है, साथ ही आपके ब्लॉग को गूगल की रैंकिंग में अच्छी position दिलाने में भी काफी सहायक साबित होता है।
आइए नीचे ब्लॉग के लिए यूआरएल कैसे बनाते हैं इस बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
1. स्ट्रक्चर सरल और आसान रखें
URL का ना तो कोई परफेक्ट स्ट्रक्चर होता है ना ही इसका कोई फिक्स स्ट्रक्चर होता है। आपको विभिन्न टाइप के यूआरएल नेट पर देखने को मिलते हैं, जो वेबसाइट के मालिक होते हैं वह अपने हिसाब से इसे क्रिएट करते हैं। SEO के हिसाब से यह यूजर फ्रेंडली होना चाहिए जिसे आसानी से गूगल और दूसरे सर्च इंजन crawl कर सके।
यूजर फ्रेंडली यूआरएल बनाने के लिए आपको सिर्फ मुख्य कीवर्ड का ही इस्तेमाल करना चाहिए ना की नंबर का। आपको इसे short रखना चाहिए। आप इसे ऐसा बनाए जो समझने में भी आसान हो साथ ही याद रखने में भी आसान हो।
2. HTTPS का इस्तेमाल करें
अपनी वेबसाइट या फिर ब्लॉग में आपको हमेशा HTTPS का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यह एक प्रोटोकोल होता है जो आपकी ब्लॉग या फिर आपकी वेबसाइट को सुरक्षित बनाने का काम करता है।
ऐसा होने पर जब कोई यूजर आपकी वेबसाइट को एक्सेस करता है तो आपकी वेबसाइट का जरूरी डाटा उस तक नहीं पहुंचता, साथ ही थर्ड पार्टी भी आपकी वेबसाइट के जरूरी डेटा को ना तो एक्सेस कर सकती है ना ही उसे देख सकती है।
3. सही फॉर्मेट का इस्तेमाल
आपने अपना फ्री ब्लॉग अगर गूगल के ब्लॉगर प्लेटफार्म पर तैयार किया है तो उसमें डिफॉल्ट तौर पर ही permalink ऐड हो जाता है परंतु आपने अपने ब्लॉग को या फिर वेबसाइट को वर्डप्रेस प्लेटफार्म पर तैयार किया है तो आप उसमें अपने हिसाब से permalink का फॉर्मेट बदल सकते हैं।
4. Special Character का इस्तेमाल ना करें
गूगल की एक खासियत यह है कि यह special character जैसे brackets () इत्यादि को हमेशा नजरअंदाज कर देता है। इसीलिए आपको अपनी वेबसाइट या फिर ब्लॉग के URL में इनको इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
5. Small Letters का इस्तेमाल करें
जब आप अपने ब्लॉग या फिर वेबसाइट के लिए URL तैयार करें, तब उसमें आपको हमेशा small letter ही इस्तेमाल करना है। अगर आपने पहले किसी में कैपिटल लेटर का इस्तेमाल किया हुआ है तो आप उसे स्माल लेटर में लिखकर के रीडायरेक्ट कर दें।
6. Focus Keywords का इस्तेमाल करें
जब आप अपने post के permalink को तैयार करे तब उसकी रेलीवेंसी पर भी अवश्य ध्यान रखें। आपको अपने ब्लॉग के permalink में ज्यादा numbers का इस्तेमाल नहीं करना है बल्कि आप जिस किसी भी आर्टिकल का link create कर रहे हैं, आपको उसमे मुख्य focus keywords को अपने permalink में डालना है ताकि सर्च इंजन और रीडर यह समझ सके कि आपका link किस पोस्ट को इंडिकेट करता है।
हिंदी ब्लॉग के लिए Permalink कैसे बनाएं?
अगर आप हिंदी भाषा में ब्लॉगिंग करते हैं और आपने हिंदी ब्लॉग तैयार किया हुआ है तो आपको कभी ना कभी इस बात को लेकर काफी कंफ्यूजन हुई होगी कि हिंदी ब्लॉग का आर्टिकल जब लिखा जाता है तब उस टाइम आर्टिकल के पेज का permalink कैसे बनाएं?
दरअसल हिंदी ब्लॉगिंग 3 भाषाओं में होती है। हिंदी में, हिंग्लिश में और कुछ हिंदी और कुछ अंग्रेजी के शब्दों को मिलाकर के परंतु जब आप हिंदी ब्लॉग के permalink को तैयार करते हैं तो उसे आपको इंग्लिश या फिर Hinglish में ही बनाना होता है।
URL काम कैसे करता है
लोग आसानी से यूआरएल को याद रख सके इसके लिए उसे काफी सरल बनाने का प्रयास किया गया है। किसी भी वेब पेज को ढूंढने के लिए IP address का इस्तेमाल हमारा ब्राउज़र करता है। आईपी को हम इंटरनेट प्रोटोकॉल कहते हैं जो कि नंबर की सीरीज के तौर पर होता है, जो कुछ इस प्रकार – 69.172.244.11 दिखाई देता है
अब आप यह सोचिए कि अगर आपको अपनी वेबसाइट या फिर किसी भी वेबसाइट के आईपी ऐड्रेस को याद करके रखना होता तो यह काम कितना ज्यादा मुश्किल हो जाता। शायद ही कोई व्यक्ति वेबसाइट के आईपी ऐड्रेस को याद रख पाता। इसीलिए URL का इस्तेमाल हमारे द्वारा किया जाता है क्योंकि इसको याद रखना काफी आसान होता है।
किसी वेबसाइट के लिंक को जब हम किसी ब्राउजर में टाइप करते हैं तो ब्राउज़र डोमेन नेम सर्वर (DNS) की सहायता से उस लिंक उससे संबंधित को आईपी में चेंज कर देता है और इसी प्रकार से ब्राउज़र हमें उस वेबसाइट तक लेकर के जाता है।
URL Shortener क्या है
आपने अक्सर इंटरनेट पर यह पढ़ा होगा कि यूआरएल शार्टनिंग से पैसे कमाए जा सकते हैं और इसके पश्चात आपने इसके बारे में जानने का प्रयास भी किया होगा। बता दे कि कुछ वेबसाइट के link काफी लंबे होते हैं। उन्ही लंबे link को दूसरे किसी थर्ड पार्टी वेबसाइट के जरिए छोटे link में कन्वर्ट करने की प्रोसेस को ही यूआरएल शार्टनिंग कहा जाता है।
किसी लंबे link को छोटे में कन्वर्ट करने के लिए आप bit.ly और Ow.ly जैसी वेबसाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं। यूट्यूब पर जो लोग वीडियो अपलोड करते हैं वह भी ऑडियंस को किसी वेबसाइट तक पहुंचाने के लिए इन्ही सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं।
क्या यूआरएल से पैसे कमा सकते हैं?
इसके बारे में एक इंटरेस्टिंग बात यह है कि आप URL के द्वारा पैसे भी कमा सकते हैं। अब आपके मन में यह सवाल पैदा हो रहा होगा कि कैसे, तो बता दे कि इसके द्वारा पैसा कमाने के लिए आपको URL shortening service का काम करना पड़ेगा।
जिसका मतलब यह हुआ कि आपको पॉपुलर वेबसाइट के link को कॉपी करना है और उसके पश्चात आपको URL shortening से पैसे कमाने वाली वेबसाइट पर जा करके अपना अकाउंट बनाना है और वहां पर link को शार्ट करके आपको सोशल मीडिया जैसे कि व्हाट्सएप, फेसबुक, टि्वटर इत्यादि पर शेयर करना है।
अब जब कोई व्यक्ति आपने जो link शेयर किया है उस पर क्लिक करेगा तो मुख्य कंटेंट खुलने से पहले उसे 5 सेकंड का विज्ञापन दिखाई देगा, जिसके द्वारा आपकी कमाई होगी।
Secure URL की पहचान क्या है
जिन वेबसाइट का वेब एड्रेस https:// से स्टार्ट होता है, उस वेबसाइट के को secure URL कहा जाता है। इसका मतलब यह होता है कि अगर किसी वेबसाइट में कोई यूजर अपनी पर्सनल इंफॉर्मेशन को भी डाल रहा है, तो उसकी पर्सनल इंफॉर्मेशन पहले encrypt हो जाती है और इसी वजह से उसकी पर्सनल इंफॉर्मेशन को किसी हैकर के द्वारा हैक कर पाना काफी मुश्किल होता है।
हैकर उसकी पर्सनल इंफॉर्मेशन को नहीं पढ़ सकता है। यही वजह है की कोई वेबसाइट अगर आपसे कुछ पर्सनल इंफॉर्मेशन मांगती है तो आपको सबसे पहले तो यह चेक कर लेना है कि उस वेबसाइट का यूआरएल सिक्योर है अथवा नहीं।
मेरा यूआरएल क्या है? अगर आपके पास कोई ब्लॉग/वेबसाइट है और उसका यूआरएल आप जानना चाहते हैं तो आपको बस इंटरनेट पर अपने ब्लॉग या फिर वेबसाइट के किसी भी आर्टिकल को ओपन करना है।
आर्टिकल ओपन हो जाने के पश्चात address bar में padlock icon पर क्लिक करना है फिर link के ऊपर long press करते ही वह copy हो जायेगा। अब आप उसको कहीं पर paste करके यह देख सकते हैं कि उसमें बीच में आपकी वेबसाइट का नाम दिखाई दे रहा है और आखिरी में आपके आर्टिकल का टाइटल दिखाई दे रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
URL का फुल फॉर्म क्या है?
इसकी फुल फॉर्म Uniform resource locator है।
URL की खोज किसने की?
इसकी खोज Tim Berners Lee ने 1992 में की थी।
URL के मुख्य हिस्से कौन से होते हैं?
इसके मुख्य हिस्से protocol, domain name, TLD और path हैं।
URL ब्राउज़र में कहाँ दिखाई देता है?
ब्राउज़र के address bar में दिखाई देता है।
संक्षेप में (Conclusion)
उम्मीद है, पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको समझ आ गया होगा कि यूआरएल क्या होता है? (What is URL in Hindi). इसे हम web address भी कहते है जो कई भागो से मिलकर बनता है जैसे protocol (https) और domain name, आदि। जिस तरह से हर स्थान का एक एड्रेस होता है उसी प्रकार इंटरनेट पर मौजूद वेबसाइट और वेबपेज का भी एक unique address होता है जिसे URL कहा जाता हैं।
पोस्ट में बस इतना ही यदि टॉपिक से संबंधित कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमें निचे कमेंट में बता सकते है। अंत में पोस्ट ज्ञानवर्धक लगी हो तो कृपया इसे Social Media पर Share जरूर करे, ताकि आपके माध्यम से अन्य लोगों तक यह जानकारी पहुंच पाए।
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